Naari Ka Parichay

उसके परिचय के लिए, 
काफी ये जानकारी है,
के हाँ वो एक नारी है |

परिवार को बांधे जो रखती है, 
हाँ नारी ही वो डोर है |
ना किसी से ये पीछे है, 
ना किसी से कमज़र है |

बराबरी की बातें, 
सब करते इस जीवन में हैं |
पर कितनो ने उतारा उसको, 
भीतर अपने मन में है |

वो ग्रहणि है , 
समाज है वो, वो दुनिया दारी है |
जिसको परिचय की ज़रुरत नहीं, 
वो एक नारी है |

रहती वो चुप है, 
उसके दिल में जज़्बात ज़्यादा बहते हैं |
जब वो आवाज़ उठाए, 
तो चार लोग भी मौन रहते हैं |

नारी तो जननी है, 
जीवन नारी से होता है |
आदमी की कामयाबी के पीछे भी तो, 
नारी का हाथ होता है |

वो प्रेम की मूरत है राधा है ,
 बिन जिसके कृष्ण भी आधा है |
वो शिव की शक्ति है, 
ना कभी जो रुक सकती है, 
वो स्त्री है मित्र वो कुछ भी कर सकती है |
-Written By Milind Panwar 

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