Main Samay Hoon

कुछ वक्त बीत गया, कुछ है यहां, कुछ आने वाला वक्त है |
पानी सा यह बहता है, उसूल इसके सख्त हैं |
ठहरे ना यह मिन्नतों से, मन्नतों से ना ये रुकता है|
सूर्य भी आदि है इसका, वक्त के आगे यह झुकता है |

हे शक्तिशाली काल ये देखो, 
चलाए सबको एक ताल में देखो |
वक्त है तो धक-धक धड़कन |
वक्ते है तो टिक-टिक घड़ियां |
वक्त है तो टिप-टिप पानी |
वक्त हैं तो है यह बचपन, 
वक्त है तो है यह जवानी |
रिश्तो की अहमियत बताने वाला वक्त है |
कुछ वक्त बीत गया, कुछ है यहां, कुछ आने वाला वक्त है |

जो हो चुका वो वक्त है, 
जो हो रहा वो वक्त है, 
जो हुआ नहीं वो वक्त है, 
जो होने वाला है वक्त है |
कितने सारे वक्त हैं, 
पर इनकी गिनती करने के लिए वक्त नहीं है |
ये जो गुजर जाए तो लौटकर नहीं आता, 
फिर विनती करने के लिए वक्त नहीं है |
सबको एक मार्ग मार्ग पर, लाने वाला वक्त है |
कुछ वक्त बीत गया, कुछ है यहां, कुछ आने वाला वक्त है |

वक्त के साथ में, हर मुश्किल हालात में | 
ग़र तू चल रहा है, तो है हंसी, खुशियां है दिन और रात में |
जो तुम ठहरे तो रह जाओगे, 
वक्त पानी सा है बह जाएगा |
खुशियों के सावन से पहले, 
दुख का मौसम आएगा |
बिना कुछ कर्म किए, 
अगर यह तुम गुनगुनाओगे, के अपना टाइम आएगा |
वक्त तो आएगा, पर जल्द ही गुज़र जाएगा |
कर्म ही नहीं हैं फितरत में, तो फल कहाँ से पाएगा |
कर्म करने वालों को अपने साथ, चलाने वाला वक्त है |
कुछ वक्त बीत गया, कुछ है यहां, कुछ आने वाला वक्त है |

मैं हूँ एक पल, मैं हूँ सारी सदियाँ भी |
में हूँ स्थिर समुन्दर, मैं हूँ बहती नदियां भी |
तेरी जीत मैं हूँ, तेरी हार मैं हूँ |
प्रशंसा हूँ तिरस्कार मैं हूँ |
नियंत्रण में मेरे सब है, तुम्हारे पास सिर्फ अब है |

अनेक युग पिएं हैं मैंने, अनंत किस्से जिएं हैं मैंने |
सिया-राम के वन वास में था मैं, राधा-कृष्ण के रास में था मैं |
सारी सदियां जीता आ रहा हूं, मैं तब से बीता जा रहा हूं |
हर क्षण गुज़र जाता हूँ मैं, फ़िर भी जीता जा रहा हूँ |

मुश्किलों के तूफ़ान भी लाऊंगा, खुशियों की बहारें भी |
जीवन में अकेलापन भी लाऊंगा, जीवन भर के सहारे भी |
तेरे कर्मों की किताब हूं मैं, कर्मों से हिसाब लगाऊंगा |
बदलना मेरी फितरत है, मैं समय हूँ बदल जाऊँगा |
-Written By Milind Panwar 

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